क्या कभी आपको ऐसा महसूस हुआ है कि रातों-रात आपकी पसंदीदा जीन्स टाइट हो गई है? चिंता मत कीजिए, आप अकेली नहीं हैं। यह सब माहवारी के दौरान होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण होता है। आपकी माहवारी के दौरान वजन बढ़ना (और कभी-कभी माहवारी के पहले), माहवारी के दौरान आपके भूख प्रभावित होने की वजह से और हॉर्मोनल बदलाव के कारण शरीर में पानी की अधिकता हो जाने की वजह से हो सकता है।
माहवारी के दौरान वजन बढ़ने के कारण को समझने से आपको राहत महसूस हो सकती है। आपको ज़्यादा नियंत्रित और कम घबराहट महसूस होती है।
माहवारी के दौरान महिलाओं का वजन क्यों बढ़ता है?
1. खाने की ज़ोरदार इच्छा
- हॉर्मोनल बदलाव, खासकर एस्ट्रोजन में गिरावट, से सेरोटोनिन (जिसे हैप्पी हॉर्मोन भी कहा जाता है) के स्तर में गिरावट आती है। माहवारी के दौरान सेरोटोनिन के स्तर और खुशी को बढ़ाने के लिए, आपका शरीर कुछ झटपट जुगाड ढूंढता है, जैसे मिठाई और कार्ब्स।
- अध्ययनों में यह पता चला है कि PMS के दौरान 70% महिलाओं को खाने की ज़ोरदार इच्छा होती है, जो कि अक्सर ज़्यादा नमक वाले, मीठे और उच्च-कार्ब के पदार्थ होते हैं जिससे कुछ समय के लिए वजन बढ़ता है।
2. हॉर्मोनल बदलाव
- इन शारीरिक बदलावों के लिए मुख्यतः हॉर्मोनल उतार–चढ़ाव ज़िम्मेदार होते हैं। मासिक चक्र के पहले आधे हिस्से में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ता है और चक्र के दूसरे हिस्से में जब प्रोजेस्ट्रॉन बढ़ने लगता है, एस्ट्रोजन घटने लगता है।
- यह बदलाव आपकी भूख और मेटाबॉलिज्म को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे आपके ज़्यादा खाने या आपको कुछ विशिष्ट चीज़ खाने की तीव्र इच्छा होती है। लेकिन, यह वजन आम तौर पर बस पानी का वजन होता है और आपकी माहवारी के अंत में घट जाता है।
3. सूजन (ब्लोटिंग)
- माहवारी चक्र के दौरान माहवारी की ब्लोटिंग सबसे ज़्यादा ध्यान देने वाला लक्षण होता है। हॉर्मोनल बदलाव, खासकर प्रोजेस्ट्रॉन का बढ़ना, इसका मुख्य कारण है– इससे पाचन क्रिया धीमी हो जाती है, जिससे गैस की समस्या हो सकती है।
- ज्यादा नमक वाले खाद्य पदार्थ (जैसे चिप्स, फ्राइज, आदि) पानी रोककर रखने की क्षमता कम कर सकते हैं और उससे माहवारी के दौरान ब्लोटिंग आ सकती है।

PCOS वाली महिलाओं में माहवारी संबंधी वजन बढ़ना
PCOS (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) से प्रभावित महिलाओं को माहवारी के दौरान वजन बढ़ने की समस्या अधिक महसूस होती है। PCOS एक हॉर्मोनल विकार होता है जिसमें प्रजनन हॉर्मोन असंतुलित हो जाते हैं। इस स्थिति का एक प्रमुख कारण है इंसुलिन प्रतिरोध। इससे इंसुलिन के स्तर बढ़ते हैं, जिससे माहवारी के दौरान वजन बढ़ने की समस्या और बदतर हो जाती है और उससे फैट जमा होता है, खासकर पेट के आसपास।
इसके अलावा, PCOS वाली महिलाओं में एंड्रोजन (पुरुष हॉर्मोन) के उच्च स्तर और पुरानी कम स्तर की सूजन आम है। उनके माहवारी चक्र के दौरान, दोनों की वजह से भूख बढ़ सकती है, ज़्यादा पानी जमा हो सकता है, और खाने की ज्यादा तीव्र इच्छा हो सकती है। इसलिए अगर आपको PCOS है तो माहवारी के दौरान वजन बढ़ने की समस्या ज्यादा तीव्र लग सकती है।
PCOS वाली महिलाओं के लिए वजन बढ़ना एक गंभीर समस्या हो सकती है
कभी–कभी कुछ अंदर दबी बीमारियों की वजह से वजन बढ़ सकता है, हालांकि PCOS और हॉर्मोनल बदलाव सबसे आम वजह होती हैं। उदाहरण के तौर पर, जब थाइरॉयड ग्रंथि बहुत कम हॉर्मोन पैदा करती है, जिसे हाइपोथायरायडिज्म कहते हैं। यह स्थिति चयापचय को धीमा कर सकती है जिससे वजन बढ़ सकता है। ऐसे ही, कुशिंग्स सिंड्रोम, उच्च कोर्टिसोल स्तर की वजह से उत्पन्न होने वाला एक विकार है, और यह बहुत ज़्यादा फैट जमा होने और पानी को रोकने में योगदान देता है। आपके शरीर में यह विकार होने से आपका वजन बढ़ता है।
डॉक्टर की सलाह कब ली जाए
याद रखें, माहवारी के पहले या उसके दौरान अगर आपका वजन तेज़ी से और लगातार बढ़ रहा हो और उसके साथ बाकी के लक्षण भी हों -- जैसे अत्यधिक थकान, अनियमित माहवारी, या बालों का झड़ना, (PCOS के साथ या सामान्य तौर पर भी), तो ऐसे में डॉक्टर की सलाह लेना बहुत ज़रूरी है। ध्यान में रखिए, जल्द से जल्द कदम उठाने से इन समस्याओं का प्रभावी रूप से समाधान किया जा सकता है और आपके समग्र स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।
माहवारी के दौरान वजन बढ़ने से निपटने की कुछ नुस्खे
माहवारी के पहले या उसके दौरान वजन बढ़ना आम है, लेकिन महवारी की ब्लोटिंग, ब्लोटिंग की वजह से वजन बढ़ना और अन्य लक्षणों को संभालने के लिए कुछ आसान नुस्खे हैं जो आपको अपनी पूरी माहवारी के दौरान सहज महसूस करा सकते हैं।
1. हाइड्रेटेड रहें:
- माहवारी के दौरान हाइड्रेटेड रहने से, अतिरिक्त सोडियम बाहर निकल जाता है, ब्लोटिंग कम होती है और पाचन क्रिया बेहतर होती है।
- पाचन आसानी से होने के लिए हर दिन 8-10 ग्लास पानी पीने का लक्ष्य रखें।
- अदरक या पुदीने के स्वाद की हर्बल चाय लें। पर्याप्त पानी पीने से अनावश्यक भूख नहीं लगती, क्योंकि कभी-कभी हम प्यास को भूख समझ लेते हैं।
2. सोच समझकर खाएं
- इलेक्ट्रोलाइट्स और पानी रोकने को संतुलित रखने के लिए, उच्च पॉटेश्यम और मैग्नीशियम युक्त पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
- कब्ज से माहवारी के दौरान ब्लोटिंग की समस्या बदतर हो सकती है, इसलिए नियमित पाचन क्रिया बनाए रखने के लिए उच्च फाइबर युक्त पदार्थ, जैसे फलियाँ, जामुन और ओट्स को अपने आहार में शामिल करें।
3. अक्सर एक्सरसाइज/कसरत करें:
- सौम्य शारीरिक क्रियाएं जैसे योगा, चलना और स्ट्रेचिंग करने से लिम्फैटिक जल निकासी और सर्क्युलेशन को बढ़ावा मिलता है, जिससे ब्लोटिंग और पानी रोकना कम होता है।
- अगर आप नियमित रूप से एक्सरसाइज/कसरत करने के लिए तैयार हैं, तो मध्यम तीव्रता की क्रियाएं जैसे पिलाटे या साइकिल चलाने से आपका मूड बेहतर होता है, एंडोर्फीन रिलीज़ होते हैं और माहवारी संबंधी इच्छाएँ और थकान से जूझने में मदद मिलती है।
4. कैफीन और शराब का सीमित सेवन करें
- शराब और कैफीन दोनों ही मूत्रवर्धक (डाइयूरेटिक) हैं जो आपको डिहाइड्रेट कर सकते हैं और आपके शरीर का प्राकृतिक संतुलन बिगाड़ सकते हैं। जिससे जब आप डिहाइड्रेटेड होते हैं, आपका शरीर पानी जमा करके रखता है, जिससे ब्लोटिंग और भी बदतर हो जाती है।
- हाइड्रेटेड और स्वस्थ रहने के लिए आप शराब और कैफीन की बजाय पानी, हर्बल चाय या जूस पी सकते हैं।
5. पर्याप्त नींद लें:
- शरीर को ठीक होने में मदद करने के लिए, माहवारी के दिनों में 7-9 घंटे की नींद लेने की सलाह दी जाती है।
- यह संतुलित नींद की सायकल भूख के हॉर्मोन को प्रबंधित करके ज़्यादा खाने के खतरे को कम करती है।
6. अपने लक्षणों पर ध्यान दें:
- हर माहवारी में अपने माहवारी के लक्षणों को लिखकर रखने से उन दिनों में क्या-क्या होता है, इसकी पहचान आप कर सकती हैं, जैसे खाने की इच्छा या ब्लोटिंग कब ज़्यादा तीव्र थी।
- आहार और जीवनशैली में बदलाव करके, आप पहले से लक्षणों को प्रबंधित कर सकती हैं और अपने माहवारी चक्र को बेहतर समझ सकती हैं।
याद रखने लायक अंतिम विचार
खुश खबरी यह है कि माहवारी के पहले या उसके दौरान वजन बढ़ना, आम तौर पर थोड़े समय के लिए होता है। ब्लोटिंग और पानी का वजन, आम तौर पर माहवारी खत्म होने पर चले जाते हैं, और आप फिर से हल्का और अच्छा महसूस करती हैं।
माहवारी के दौरान थोड़ा अजीब लगना सामान्य है। अपने शरीर पर ध्यान दें, खुद का ख्याल रखें, और उन गतिविधियों पर ध्यान दें जिनसे आपको अच्छा महसूस होता है। आपकी पहचान ना तो आपकी माहवारी है ना ही आपका बढ़ा हुआ वजन। अगर आपको कोई गंभीर लक्षण हो, तो डॉक्टर से सलाह लेना ना भूलें!