क्रैंप्स और एजिंग: आपको क्या जानना चाहिए

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कभी आपने सोचा है कि जैसे–जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, माहवारी के क्रैंप्स बदलते जाते हैं? टीन से लेकर एडल्ट होने तक, हमारा शरीर लगातार बदलता रहता है। चलिए मिलकर समझते हैं कि क्या माहवारी के क्रैंप्स उम्र के साथ बदलते हैं और उनसे हम कैसे निपट सकते हैं।


माहवारी क्रैंप्स क्या है?

माहवारी के क्रैंप्स यानी वह क्रैंप्स जो माहवारी से पहले या उसके दौरान कुछ लोग अपने निचले पेट में महसूस करते है। अगर उस माहवारी साइकल के दौरान कोई अंडा फर्टिलाइज नहीं होता है तो अपनी लाइनिंग बाहर निकालने के लिए यूटरस टाइट होता है और इसलिए क्रैंप्स आते हैं। क्रैंप्स में दर्द हल्का भी हो सकता है और तेज़ भी और यह दर्द कमर और जांघों तक फैल सकता है। कुछ महिलाओं को माइल्ड और मैनेजेबल क्रैंप्स आते हैं तो कुछ महिलाओं को तीव्र और कमजोर करने वाले क्रैंप्स आते हैं। आम तौर पर, वह माहवारी के एक दो दिन पहले शुरू होते हैं और बहुत दिन तक रह सकता हैं।


क्या उम्र के साथ माहवारी के लक्षण ज़्यादा तीव्र हो सकते हैं?

हाँ, काफ़ी लोगों के लिए, माहवारी क्रैंप्स समेत माहवारी के लक्षण उम्र के साथ और ज़्यादा तीव्र हो सकते हैं।


उम्र के साथ क्रैंप्स कैसे बदलते हैं

  • टीन्स: हॉर्मोनल उतार–चढ़ाव की वजह से ज़्यादा तीव्र क्रैंप्स आ सकते हैं।
  • अडल्ट हुड: हॉर्मोन स्थिर हो जाने के कारण कुछ महिलाओं में क्रैंप्स की परेशानी कम हो जाती है, जबकि कुछ में एंडोमेट्रियोसिस और फाइब्रॉयड जैसी समस्याएं निर्माण हो सकती हैं।
  • पेरीमेनोपॉज़: हॉर्मोनल बदलाव के कारण माहवारी अनियमित हो सकती है और क्रैंप्स की तीव्रता भी अलग–अलग हो सकती है।

माहवारी दर्द के स्तरों को प्रभावित करने वाले कारक

बेहतर महसूस करने के उपाय ढूंढने के लिए पहले यह समझना ज़रूरी है कि माहवारी का दर्द अलग–अलग क्यों होता है। आइए देखते हैं कि कौनसी चीज़ें माहवारी के दर्द को बदतर बना सकती हैं।


1. हॉर्मोनल बदलाव

आपके हॉर्मोन आपके दर्द को ज़्यादा तीव्र बना सकते हैं। जब एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन के लेवल बढ़ते हैं, आपका यूटरस ज़्यादा सिकुड़ता है जिससे ज़्यादा दर्द होता है।


2. तनाव

तनाव दर्द को और भी बदतर बना सकता है। कोर्टिसोल जैसे स्ट्रेस हॉर्मोन मांसपेशियों में खिंचाव और दर्द के प्रति संवेदनशीलता बढ़ा सकते हैं, जिससे ज़्यादा तेज़ क्रैंप्स आ सकते हैं।


3. डायट

ज़्यादा कैफ़ीन या नमकीन पदार्थ खाने से माहवारी का दर्द बदतर हो सकता है। साथ ही, खाने से पर्याप्त मैग्नीशियम या विटामिन बी6 ना मिलने से क्रैंप्स बढ़ सकते हैं। सूजन को रोकने वाले खाद्य पदार्थ जैसे हरे पत्तों वाली सब्जियां और ओमेगा–3 से भरपूर मछली, क्रैम्पिंग को कम कर सकते हैं।


4. ऊपरी स्तर पर ना दिखने वाली स्वास्थ्य समस्या

तीव्र और बदतर होने वाले क्रैंप्स, एंडोमिट्रियोसीस या फाइब्रॉयड जैसी अन्य समस्या की ओर इशारा कर सकते हैं, जिसके लिए डॉक्टर की सलाह आवश्यक होती है।


डॉक्टर की सलाह कब लेनी चाहिए

अगर क्रैंप्स तीव्र हो, सामान्य से ज़्यादा लंबे समय तक चले, या आपके रोज़मर्रा के कामों में दखलअंदाज़ी करने लगे, तो आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए ताकि वह देख सके कि कोई अंदरूनी समस्या तो नहीं है।


माहवारी के दर्द का इलाज कैसे किया जाए?

माहवारी के दर्द का इलाज कुछ आसान कदमों और कुछ मददगार युक्तियों से किया जा सकता है। आप यह कर सकते हैं:


1. दर्द निवारक

दवा दर्द को कम करने के लिए ओवर–द–काउंटर गोलियां लें। बस लेबल पर दी गई सूचनाओं का पालन करे। यह दवाईयां लेने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह लें।


2. हीट थेरेपी

अपने पेट की मांसपेशियों को रिलैक्स करने और बेहतर महसूस करने के लिए हीटिंग पैड का इस्तेमाल करें या गरम पानी से नहाएं।


3. मूव योर बॉडी

चलने या योग जैसी हल्की एक्सर्साइज़ करने से ब्लड फ़्लो बढ़ता है और फील–गुड केमिकल्स रिलीज़ होते हैं जिनसे दर्द कम हो सकता है।


4. सही चीज़ें खाएं

हेल्दी डायट लेते रहें जिसमें बहुत से फल, सब्जियां और होल ग्रेन्स शामिल हो। कैफ़ीन, शराब, या ज़्यादा नमक वाले पदार्थ खाने से बचे क्योंकि वे क्रैंप्स को और बदतर बनाते हैं।


5. गर्भनिरोधक

अपनी माहवारी को नियमित करने और कम दर्दनाक बनाने के लिए, हॉर्मोनल गर्भनिरोधक जैसे गोलियां या पैच इस्तेमाल करने पर विचार करें।


6. रिलैक्सेशन टेक्निक

प्राणायाम और ध्यान (मेडिटेशन) करें या बस आराम करने और रिलैक्स होने के लिए समय निकालें। इससे तनाव और मांसपेशियों का खिंचाव कम होने में मदद मिल सकती है, और उससे आपको बेहतर महसूस हो सकता है।


7. अल्टर्नेटिव थेरेपीज़

कुछ लोगों को एक्यूपंक्चर और आयुर्वेदिक दवाइयों से आराम मिलता है। हालांकि यह सबके लिए काम करेंगे ऐसा ज़रूरी नहीं है, लेकिन अगर आप कुछ अलग करना चाह रहे हैं, तो इन्हें आज़मा कर देख सकते हैं।


8. अपने डॉक्टर से बात करें

अगर आपका माहवारी का दर्द बहुत तेज़ है या ज़्यादा समय के लिए रहता है, तो अपने डॉक्टर से बात करें। वे पता लगा सकते हैं कि कहीं कोई अंदरूनी समस्या तो नहीं है और उसके अनुसार अन्य उपचार बता सकते हैं जो आपकी मदद कर सके।


तो, क्या बढ़ती उम्र के साथ, माहवारी के क्रैंप्स बदल सकते हैं? बिल्कुल! आपकी टीनेज से लेकर आपके अडल्टहुड तक, आपका दर्द का अनुभव बदल सकता है। यह जानने से आप उससे बेहतर तरीके से निपट सकते हैं। जानकारी रखें और जब ज़रूरत हो, मदद मांगे। इस जानकारी के साथ, आप अपने उम्र के हर पड़ाव पर माहवारी के दर्द से बेहतर तरीके से निपट सकती हैं।