क्या शराब और धूम्रपान आपकी माहवारी को प्रभावित करते हैं?

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चलिए, कुछ ज़रूरी तथ्यों पर गौर करते हैं। आपकी जीवन शैली और आपकी माहवारी (पीरियड्स), इनका आपसी संबंध आपकी सोच से कहीं ज़्यादा गहरा है। चूंकि आपका शरीर, उसके हॉर्मोन का स्तर, आपकी डायट, बदलता मौसम, बढ़ता तनाव... ये सब चीज़ें उसे अंदर तक प्रभावित करती हैं। और अगर यह खयाल आता है कि एकाध बार शराब पीने से या धूम्रपान से कुछ खास नुकसान नहीं होता, तो एक मिनट रुकिए ऐसा नहीं है। शराब और धूम्रपान, ये दोनों आदतें सिर्फ आपके मूड तक ही सीमित नहीं रहतीं, ये उससे कहीं आगे जाकर चीज़ों को बिगाड़ सकती हैं। ये आपकी पूरी माहवारी (पीरियड्स) साइकल को बाधित करने की क्षमता रखती हैं।


नतीजा? बदतर होते ऐंठन (क्रैंप्स) से लेकर माहवारी (पीरियड्स) का अनियमित हो जाना, ये सब देखने को मिल सकता है। तो आइए, जानते हैं कैसे यह आदतें आपकी साइकल को प्रभावित करती हैं।


शराब और माहवारी (पीरियड्स): दोस्त या दुश्मन?

क्या माहवारी (पीरियड्स) के दौरान शराब पीना सुरक्षित है? आइए जानते हैं माहवारी(पीरियड्स सिम्पटम्स) के दौरान शराब पीने से क्या होता है

  • डिहाइड्रेशन

शराब पीने से ज़्यादा पेशाब लगती है, जिसका मतलब है कि उससे डिहाइड्रेशन होता है। अब सोचिए, चूंकि माहवारी (पीरियड्स) वैसे ही आपके शरीर से पानी कम कर देती है, तो यह स्थिति और बिगड़ जाती है। और इसके कारण ऐंठन (क्रैंप्स) तीव्र हो सकते हैं और थकान बढ़ सकती है।


  • हॉर्मोनल असंतुल

शराब आपके एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन लेवल को प्रभावित करती है। और ये कोई मामूली हॉर्मोन नहीं हैं; वह दो हॉर्मोन है। जो आपकी साइकल को नियमित रखने के लिए बहुत ज़रूरी होते हैं।


क्या शराब से माहवारी (पीरियड्स) के फ्लो पर कोई असर पड़ता है?

यह भी जान लें कि शराब का माहवारी (पीरियड्स) के फ्लो पर होने वाला असर अलग-अलग हो सकता है। हर किसी का अनुभव एक जैसा नहीं होता। नसों के फैलाव की वजह से कुछ लोगों को तेज़ बहाव हो सकता है, तो कुछ लोगों का मासिक धर्म (पीरियड्स) चक्र बीच में ही रुक सकता है। यह पूरी तरह व्यक्ति पर निर्भर करता है। अगर ऐसा होता है, यानी आपको अपने फ्लो में कुछ भी असामान्य लगे, तो इसे बेहतर तरीके से समझने के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें। वे आपकी सही मदद कर पाएंगे।


अक्सर आपके मन में यह सवाल आता होगा कि आखिर शराब पीने के बाद आपकी माहवारी (पीरियड्स) रुक क्यों जाती है। बात दरअसल यह है, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अंडोत्सर्जन (ओव्यूलेशन) और माहवारी (पीरियड्स) सुनिश्चित करने के लिए आपके शरीर को एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन का नियमित संतुलन आवश्यक होता है। अब, हॉर्मोनल संतुलन पर शराब के होने वाले प्रभाव से यह प्रक्रिया बिगड़ सकती है या पूरी तरह बंद हो सकती है।


धूम्रपान का माहवारी (पीरियड्स) साइकल पर होने वाला प्रभाव

देखिए, माहवारी (पीरियड्स) के दौरान धूम्रपान करना कोई मज़ाक नहीं है। यह बात गाँठ बाँध लीजिए। सच तो यह है कि यह आपकी साइकल को अलग-अलग तरह से प्रभावित कर सकता है:

  • बढ़ते हुए ऐंठन (क्रैंप्स)

निकोटिन से नसें सिकुड़ती हैं। अब, इसका सीधा असर यह होता है कि जिससे गर्भाशय (यूटरस) को होने वाला ऑक्सीजन सप्लाई धीमा हो जाता है, नतीजा? ऐंठन (क्रैंप्स) बदतर हो जाते हैं।


  • अनियमित माहवारी (पीरियड्स)

यह जानना भी ज़रूरी है कि विभिन्न अभ्यासों से यह सामने आया है कि धूम्रपान का अनियमित माहवारी (पीरियड्स) से सीधा संबंध है। और यह बात खासकर उन महिलाओं में ज़्यादा देखी गई है जो बहुत ज़्यादा धूम्रपान करती हैं।


  • पीएमएस के लक्षणों का बढ़ जाना

धूम्रपान की वजह से होने वाले हॉर्मोनल गड़बड़ी से मिज़ाज में उतार-चढ़ाव, चिड़चिड़ापन और थकान बढ़ती है।


क्या धूम्रपान फर्टिलिटी (प्रजनन क्षमता) और हॉर्मोन को प्रभावित करता है?

हाँ, धूम्रपान हॉर्मोन के संतुलन को प्रभावित करता है और फर्टिलिटी (प्रजनन क्षमता) पर इसका दीर्घकालिक परिणाम होता है। यह कोई छोटी-मोटी बात नहीं है।


दरअसल, सिगरेट में मौजूद निकोटिन और अन्य केमिकल, एस्ट्रोजन के निर्माण में खलल डालते हैं। इतना ही नहीं, ये अंडे की क्वालिटी और ओवरी का रिज़र्व कम करते हैं। और जिसका परिणाम यह होता है कि कम उम्र में मेनोपॉज़(माहवारी (पीरियड्स) के बंद होने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे आगे गर्भवती होने की संभावना घट जाती है।


इसके अलावा, यह भी एक गंभीर तथ्य है कि जो महिलाएं धूम्रपान करती हैं उनमें मिसकैरेज(गर्भपात) और कॉम्प्लिकेटेड प्रेग्नेंसी की संभावना भी बढ़ जाती है। इसलिए यह जानना ज़रूरी है कि धूम्रपान का मासिक साइकल पर ही नहीं, रीप्रॉडक्शन(प्रजनन) पर भी क्या असर पड़ता है। यह केवल एक महीने की बात नहीं, बल्कि भविष्य की भी बात है।

धूम्रपान हॉर्मोनल संतुलन और गर्भावस्था की संभावना को प्रभावित करता है


खतरनाक जोड़ी: माहवारी (पीरियड्स) के दौरान शराब पीना और धूम्रपान करना

माहवारी (पीरियड्स) के दौरान शराब और धूम्रपान का मिश्रित प्रभाव नकारात्मक असर बढ़ा सकता है। यानी, दोनों को साथ में लेना स्थिति को और भी खराब कर सकता है। असल में, शराब और निकोटिन शरीर के उन हॉर्मोन के साथ छेड़छाड़ करते हैं जो लंबी और तीव्र माहवारी (पीरियड्स) को उकसाते हैं।


जिन महिलाओं को यह दोनों आदतें होती हैं, वे अक्सर कुछ और भी परेशानियाँ झेलती हैं। वे बदतर ब्लोटिंग (सूजन), ज़्यादा चिड़चिड़ापन और लंबे समय तक चलने वाले ऐंठन (क्रैंप्स) की शिकायत करती हैं।


क्या आपको पता है? शराब पीने और धूम्रपान करने से कोर्टिसोल जैसे स्ट्रेस (तनाव) हॉर्मोन बढ़ते हैं, जिससे घबराहट, थकान और मूड स्विंग्स(मिजाज) बदतर होते जाते हैं।


शराब और धूम्रपान के प्रभाव को कैसे करे कम

1. मात्रा कम करें 

अगर आप इन्हें छोड़ने को तैयार नहीं हैं, तो उसकी मात्रा कम करें। लक्षणों को कम करने के लिए अपनी माहवारी (पीरियड्स) के दौरान इसका सेवन बिलकुल कम कर दे ।


2. पानी पीते रहें 

डिहाइड्रेशन से बचने के लिए पानी पीते रहें। यह सबसे आसान और सबसे ज़रूरी कदम है। याद रखें, पूरे दिन में 2 से 2.5 लीटर या 8 से 10 गिलास पानी पीने से आप इस समस्या से बच सकते हैं। और अगर आप शराब पी रहे हैं, तो डिहाइड्रेशन कम करने के लिए, शराब के हर ग्लास को एक ग्लास पानी से संतुलित करें। यह एक स्मार्ट तरीका है! इससे आपको ध्यान रहेगा कि आप कितनी शराब पी रहे हैं और आपके शरीर में जाने वाली शराब की मात्रा भी कम हो जाएगी।


3. पोषण पर ध्यान दें

माहवारी (पीरियड्स) वैसे भी आपके शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी कर देती हैं। पालक, दाल और लीन मीट जैसे आयरन से भरपूर पदार्थ शराब और धूम्रपान के दुष्प्रभावों से लड़ने में मदद कर सकते हैं।


आपका साइकल, आपका स्वास्थ्य

याद रखिए, आपकी माहवारी (पीरियड्स) मासिक असुविधा से कहीं बढ़कर है, यह आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को दर्शाती है। यह आपके शरीर का एक अहम हिस्सा है। चाहे आप काम के बाद एक ग्लास वाइन का आनंद लेते हों या किसी सोशल सेटिंग में एक ड्रिंक लेते हों, अगर आप यह समझ लें कि शराब और धूम्रपान आपकी साइकल को कैसे प्रभावित करता है, तो आप अपने स्वास्थ्य के लिए बेहतर निर्णय ले पाएंगे।


तो, शुरुआत छोटी ही सही, पर असरदार हो सकती है। छोटी शुरुआत करें: हाइड्रेटेड रहें और शराब और धूम्रपान की मात्रा कम रखें। यकीन मानिए, इससे आपकी माहवारी (पीरियड्स) व्यवस्थित और आपका शरीर संतुलित रह सकता है।


FAQ

क्या मैं माहवारी(पीरियड्स) के दौरान बीयर पी सकती हूँ?

हाँ, लेकिन सावधानी से। बीयर से ब्लोटिंग(सूजन) और डिहाइड्रेशन होता है, जिससे ऐंठन (क्रैंप्स) बदतर होते हैं।

क्या धूम्रपान माहवारी(पीरियड्स) के दर्द को बदतर बनाता है?

हाँ, निकोटिन उस हिस्से में ब्लड फ्लो को कम करता है, जिससे ऐंठन (क्रैंप्स) और दर्द बढ़ता है।

क्या शराब फीमेल हॉर्मोन को प्रभावित करती है?

हाँ, शराब एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन के संतुलन को बिगाड़ेगा, जिससे माहवारी(पीरियड्स) अनियमित होगी और पीएमएस के लक्षण बदतर हो जाएंगे।

क्या शराब पीने से ब्लीडिंग ज़्यादा होगी?

हाँ, शराब नसों को फैलाती है और उसकी वजह से कुछ महिलाओं को हेवी ब्लीडिंग हो सकती है। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती। इसका विपरीत असर भी हो सकता है, मतलब यह क्लॉटिंग फैक्टर (थक्के कारक) को धीमा कर देती है, और उस वजह से हल्की ब्लीडिंग हो सकती है और लंबे समय तक हो सकती है। तो, यह दोनों तरह से परेशान कर सकती है।