डेयरी और आपकी माहवारी: एक लव-हेट रिलेशनशिप

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माहवारी के दौरान ब्लोटिंग और पेट फूलने जैसी समस्याएं महसूस हो रही हैं, खासकर दूध के उत्पादों के सेवन के बाद? यह PMS से बढ़कर कुछ हो सकता है! आइए देखते हैं कि डेयरी का पेट पर कितना प्रभावशाली असर होता है और इसका माहवारी से क्या संबंध है।


आपके पेट की डेयरी से दोस्ती क्यों नहीं हो सकती यह समझे

अगर दूध के उत्पादों के सेवन के बाद कभी आपको पेट फूलना, गॅस होना या असहज महसूस होना जैसी समस्याएं हुई हैं, तो इसका कारण लैक्टोज़ इनटोलरंस हो सकता है। इसका मतलब है कि आपके शरीर में लैक्टोज़ (दूध के पदार्थों में मौजूद चीनी) को विघटित करने वाला लैक्टेज़ नाम का एंज़ाइम पर्याप्त मात्रा में नहीं है। और यह अपचित लैक्टोज़ आपके पेट में फरमेंट होने लगता है जिससे ब्लोटिंग और गॅस जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।


लेकिन अगर आप लैक्टोज़ इनटोलरंट ना भी हो, तो भी दूध के उत्पादों से समस्या हो सकती है। किसी-किसी को दूध के उत्पादों के सेवन से पेट में जलन होती है जिससे सूजन होती है और अच्छे बैक्टीरिया असंतुलित होते हैं। जब पेट खुश ना हो, तो उसके कारण माहवारी में भी बहुत सी अतिरिक्त जटिलताएं पैदा हो सकती हैं ।


पेट और माहवारी के बीच का संबंध

चलिए आपको बताते हैं यह दिलचस्प क्यों है। आपके आंतों का काम सिर्फ खाना पचाना नहीं होता; वो हॉर्मोन को नियंत्रित करने में भी एक अहम भूमिका निभाते हैं। अगर आपके आंतों का स्वास्थ्य बिगड़ गया, तो उससे आपके हॉर्मोन लेवेल भी बिगड़ सकते हैं- खासकर एस्ट्रोजन। अगर आपका शरीर पूरे एस्ट्रोजन का चयापचय करके अतिरिक्त एस्ट्रोजन बाहर नहीं निकाल पाया, तो आपको दिखेगा कि आपकी माहवारी ज़्यादा दिन चलती है और फ़्लो ज़्यादा रहता है, जिससे ज़्यादा मूड स्विंग्स और माहवारी क्रैंप्स होते हैं।


इसके विपरीत, जब आपकी आंतों का स्वास्थ्य अच्छा होता है, तो उससे आपके हॉर्मोन संतुलित रहने में मदद मिलती है। इसका मतलब है आपकी माहवारी ज़्यादा आसान और उम्मीद के अनुसार होती है और साथ ही PMS के वह परेशान करने वाले लक्षण भी कम होते हैं। खुश हॉर्मोन, खुश आप!


क्या डेयरी उत्पाद आपकी माहवारी में परेशानियां पैदा कर रही है?


तो, अगर दूध के उत्पाद आपके आंतों में गड़बड़ी पैदा कर रहे हैं, तो उसकी वजह से भी आपकी माहवारी में परेशानियां आ सकती है। कुछ लोगों में दूध के उत्पादों से सूजन आ सकती है, जिसकी वजह से हॉर्मोन लेवल प्रभावित होते हैं। इसकी वजह से अनियमित माहवारी, ज़्यादा फ़्लो और माहवारी के दौरान ज़्यादा तेज़ क्रैंप्स हो सकते हैं। ऐसा तो आप बिल्कुल नहीं चाहेंगे, है ना?


कुछ महिलाओं ने यह अनुभव किया है कि दूध के उत्पादों के सेवन को कम करने से–या बिल्कुल ही ना करने से–इन लक्षणों से आराम मिलता है। आपको बस यह पता लगाना है कि आपके शरीर के लिए क्या सही है।


तो, क्या आपको दूध के उत्पादों का सेवन करना छोड़ देना चाहिए?

हम यह सुझाव नहीं दे रहे कि आप अपने खाने में से दूध के पदार्थ हटा दें। लेकिन अगर आपको पाचन से संबंधी कोई परेशानियां हो रही हैं या आपकी माहवारी अनियमित हो रही है, तो आप दूध के पदार्थों का सेवन कम करके अपने शरीर की प्रतिक्रिया देखें। इससे भी आपको मदद मिल सकती है। छोटे कदमों से शुरु कीजिए–सामान्य दूध की जगह बादाम या ओट मिल्क जैसे प्लांट-बेस्ड विकल्प का इस्तेमाल करें। लैक्टोज़-फ्री उत्पाद आज़माएं और देखें कि आपको कैसा महसूस होता है।


अपने शरीर की सुनिए। अगर आपको अपने आंतों के स्वास्थ्य और माहवारी के लक्षणों में सुधार दिखें, तो समझ लीजिए आपको अपना जवाब मिल गया है। और अगर ऐसा ना हो? नुकसान तो वैसे भी कुछ नहीं होगा–आप अपने रूटीन पर कभी भी वापस जा सकते हैं।


फाइनल थॉट्स

मानवी शरीर की विभिन्नता के कारण, आपको यह कोई नहीं बता सकता कि आपको क्या खाना चाहिए और कितनी मात्रा में खाना चाहिए। सलाह और वास्तविक व्यवाहर में अंतर होता है। ज़रूरी यह है कि कुछ खाने के बाद आपको कैसा महसूस होता है इस पर नज़र रखें और जब बात आपके आंतों और माहवारी स्वास्थ्य की हो, तो अच्छी चीज़ों का चुनाव करें।


अपना ख्याल रखें, और खुशहाल और स्वस्थ जीवन के लिए आप सभी को शुभकामनाएं!