अच्छा, तो अगर आप यहाँ हैं, तो शायद आपने अभी-अभी अपनी अंडरवियर में खून देखा है। और हाँ, हम समझ सकते हैं – 10 सेकंड के लिए आप यकीनन घबरा गईं, फिर सोचा कुछ उल्टा-सीधा खा लिया है या किसी लाल चीज़ पर बैठ गई हैं। और जब दिमाग ने इन दोनों बातों को नकार दिया, तो आप तुरंत गूगल करने लगीं: "क्या मैं मर रही हूं?" (एक छोटा सा स्पॉइलर: नहीं, बिल्कुल नहीं। लेकिन हम सबने यही सोचा था पहली बार।)
गहरी सांस लीजिए। आप ठीक हैं।
तो फिर, बधाई हो, आप आधिकारिक तौर पर “पीरियड क्लब” में शामिल हो चुकी हैं! हाँ, यह सच है कि इसमें कोई मेंबरशिप कार्ड नहीं मिलता, लेकिन इसके साथ आपको जीवनभर की क्रेविंग्स, कभी-कभी मूड स्विंग्स, और हर पब्लिक टॉयलेट की लोकेशन पता होने की सुपरपावर ज़रूर मिलती है। स्वागत है इस अनोखे क्लब में!
पहली बार माहवारी (पीरियड्स) आना एक बड़ा पल होता है, लेकिन यह उतना डरावना नहीं है जितना लगता है। हम सब इस दौर से गुज़रे हैं, और यकीन मानिए—आप बिल्कुल ठीक हो जाएंगी!
और क्योंकि हम चाहते थे कि काश उस दिन कोई हमें एक सर्वाइवल गाइड दे देता, तो इस ब्लॉग को बिल्कुल वैसा ही मानिए।
माहवारी (पीरियड्स) क्या है?
तो हुआ यह कि आपके शरीर ने पिछले कुछ हफ्तों में आपके गर्भाशय (यूट्रस) के अंदर एक आरामदायक "घोंसला" बनाया था – एक तरह की तैयारी, कि क्या पता एक इंसान को बड़ा करना पड़े। जब ऐसा कुछ नहीं हुआ, तो शरीर ने सोचा, "चलो, इसे हटा देते हैं," और आपकी अंदरूनी सफाई शुरू हो गई। बस, इसी को माहवारी (पीरियड्स / मेंस्ट्रुएशन) कहा जाता है। और जो खून आप देख रही हैं, वो सिर्फ वही है जो आपके शरीर को अब नहीं चाहिए। तो, यह पूरी तरह से एक प्राकृतिक प्रक्रिया है!
तो, यह पहली बार की माहवारी(पीरियड्स) आमतौर पर 10-15 साल की उम्र में शुरू होती है, औसतन 12-13 के बीच। लेकिन अगर यह थोड़ी जल्दी, यानी 8 साल में आ जाए या थोड़ी देर से, 16 तक भी ना आए, तो भी सब सामान्य है। चिंता की कोई बात नहीं, क्योंकि हर शरीर की अपनी टाइमिंग होती है।
शुरुआत में आपकी माहवारी (पीरियड्स) ऐसी हो सकती हैं:
- कभी बस एक छोटा सा दाग, तो कभी पूरा फ्लो
- कभी बहुत हल्की, कभी भारी
- कभी दो दिन, कभी पूरा हफ्ता
- अनियमित—कभी टाइम पर, कभी गायब
लेकिन, अगर आपके माहवारी (पीरियड्स) बहुत ज़्यादा समय तक नहीं आ रहे हैं (जैसे 3-6 महीने से ज़्यादा) या बहुत जल्दी-जल्दी आ रहे हैं (21 दिनों से भी कम समय में), तो आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए। आमतौर पर यह कोई गंभीर बात नहीं होती, लेकिन कभी-कभी, तनाव, खान-पान, या पीसीओएस (पीसीओस) जैसी मेडिकल स्थितियाँ आपके साइकल को प्रभावित कर सकती हैं। इसलिए, सही सलाह लेना हमेशा बेहतर होता है।
आपका शरीर आप ही की तरह चीज़ों को समझ रहा है। तो अगर आपको अपनी माहवारी (पीरियड्स) शुरुआत में थोड़ी अजीब लगे, तो चिंता ना करे - वह जल्द ही एक पैटर्न में सेट हो जाएगी।
पहली माहवारी (पीरियड्स) के संकेत
आम तौर पर यह, आपके सामने रेड कार्पेट बिछने से पहले, आपको कुछ संकेत मिलते हैं। जब आप प्यूबर्टी में कदम रखती हैं, यानि बड़े होने का वह समय जब आपकी माहवारी (पीरियड्स) शुरू होती है, तो नीचे दी गई चीज़े पूरी तरह से सामान्य हैं।
- तेज़ ग्रोथ स्पर्ट्स: अचानक कद और वजन में वृद्धि
- ब्रेस्ट डेवलपमेंट: छाती का आकार बढ़ना
- हिप्स का चौड़ा होना: शरीर का नीचे से गोल दिखना
- डिस्चार्ज: अंडरवियर में सफेद या हल्का पीला फ्लुइड
- त्वचा में बदलाव: अधिक ऑयली स्किन और पिंपल्स
- बालों का विकास: बगलों और प्यूबिक एरिया में बाल
- ऐंठन (क्रैंप्स): हल्का दर्द या ऐंठन
- ब्लोटिंग: पेट फूला हुआ लगना
चलिए, किशोर अवस्था की माहवारी (पीरियड्स) को समझते हैं:
सबसे पहले और सबसे ज़रूरी बात: यह जान लें कि यह स्वाभाविक है और इसमें शर्मिंदा होने की कोई बात नहीं है! और हाँ, एक मज़े की बात, आपकी माहवारी (पीरियड) अगले लगभग चार दशकों तक आपका लाइफलॉन्ग साइडकिक बनने वाला है। तो, सबसे अच्छी चीज़ जो आप कर सकती हैं? उससे दोस्ती कर लीजिए। उसके पैटर्न पर ध्यान दें, यह पता लगाएं कि क्या चीज़ें आसान बनाती हैं, और वह ढूंढें जो आपके लिए सबसे अच्छा काम करता है।
दूसरी बात: जानिए कौन से माहवारी (पीरियड) प्रोडक्ट्स आपके लिए सही हैं:
- पीरियड पैंटीज़: इन्हें आप मूल रूप से जादू ही समझिए, खासकर उन लोगों के लिए जो अभी शुरुआत कर रही हैं। सच में, इनसे शुरुआत करना सबसे आसान है। बस इन्हें नियमित अंडरवियर की तरह पहनें, और ये सब कुछ सोख लेती हैं। है न कमाल की चीज़!
- पैड्स: इनका इस्तेमाल भी बहुत आसान है! बस एक अपनी अंडरवियर पर चिपकाएं, और आप तैयार हैं! लेकिन, एक ज़रूरी बात, रैश से बचने के लिए इन्हें हर 4-6 घंटे में बदलना ज़रूरी है।
- आंतरिक मासिक धर्म उत्पाद (टैम्पॉन): ये छोटे, किसी की नज़र में न आने वाले, और एक बार जब आप इनका इस्तेमाल सीख जाएं तो बहुत काम के होते हैं। और नहीं, घबराइए मत, ये आपके अंदर खो नहीं सकते! बस, इन्हें हर कुछ घंटों में बदलें, और टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (टीएसएस) जैसे संक्रमण (इन्फेक्शन) के खतरे को कम करने के लिए कभी भी इसे लगाकर सोएं नहीं – यह बहुत ज़रूरी सावधानी है।
- मासिक धर्म कप (मेंस्ट्रुअल कप): मेंस्ट्रुअल कप्स – यह एक ज़्यादा पर्यावरण-अनुकूल (इको-फ्रेंडली) विकल्प ज़रूर है, लेकिन इन सिलिकॉन कप्स के इस्तेमाल के लिए थोड़ी प्रैक्टिस और शारीरिक जागरूकता की आवश्यकता हो सकती है।
तो शुरुआत के लिए, पैड्स या पीरियड अंडरवियर ज़्यादातर शुरुआती लोगों की पसंद होते हैं, और आप भी इनसे शुरुआत कर सकती हैं। ये इस्तेमाल में आसान होते हैं। फिर, जब आप ज़्यादा सहज महसूस करने लगें, तो दूसरे विकल्पों को आज़मा सकती हैं। आराम से, अपने हिसाब से!
तीसरी और बहुत काम की बात: अपनी पहली माहवारी (पीरियड) किट तैयार करें, क्योंकि पहले से तैयारी होने पर चीज़ें बहुत आसान हो जाती हैं। सोचिए, सब कुछ ऐट हैण्ड (हाथ के पास) होगा, यहाँ देखिए क्या-क्या पैक करना है:
- पैड्स या पीरियड अंडरवियर: समझिए, नदी के लिए बांध की तरह, सब कुछ संभालने के लिए!
- अंडरवियर का एक अतिरिक्त जोड़ा: क्योंकि एक छोटा सा दाग हमारे आत्मविश्वास को कैसे डिगा सकता है, भला!
- एक छोटा वॉटरप्रूफ बैग: दाग लगे कपड़ों को रखने के लिए, ताकि कोई झंझट न हो।
- वाइप्स या टिश्यूज़: ज़रूरत पड़ने पर तरोताज़ा महसूस करने के लिए, क्योंकि हर वॉशरूम में सारी सुविधाएं नहीं होतीं।
- डार्क चॉकलेट: ऐंठन (क्रैंप्स) से लड़ने में मदद के लिए थोड़ा मैग्नीशियम बूस्ट, और क्योंकि कभी-कभी, बस इसकी ज़रूरत होती है!
बस, इस किट को अपने स्कूल बैग में डाल लें, और आप टीन माहवारी (पीरियड्स) के लिए हमेशा तैयार रहेंगी!
और हाँ, अगर कभी लीक हो भी जाए, तो बस याद रखें: यह सचमुच हर किसी के साथ होता है। लोगों के साथ बेडशीट पर, कुर्सियों पर, जीन्स पर, और हाँ, क्लासरूम की सीटों पर भी ऐसा हुआ है। यह पूरी तरह से ठीक है!
एक छोटा सा नुस्खा: ठंडा पानी + साबुन = लीक की समस्या का समाधान।
माहवारी (पीरियड) के दर्द ऐंठन (क्रैंप्स) से राहत
देखो, ऐंठन (क्रैंप्स) आम बात हैं, लेकिन अगर आपके माहवारी (पीरियड) का दर्द ऐसा लगे जैसे आपका गर्भाशय (यूट्रस) सक्रिय रूप से आपके खिलाफ साजिश रच रहा है, तो यहाँ कुछ उपाय दिए गए हैं:
- हीटिंग पैड: समझिए, आपका नया सबसे अच्छा दोस्त! यह आपकी मांसपेशियों को आराम देता है और आपकी रक्त वाहिकाओं (ब्लड वेसेल्स) को खोलता है, जिससे ऐंठन (क्रैंप्स) में उतना दर्द नहीं होता। बस इसे वहीं रखें जहाँ दर्द हो रहा हो, आराम से लेट जाएं, और इसकी गर्मी को अपना जादू करने दें।
- थोड़ी हलचल करें (भले ही आपका मन न हो): थोड़ा स्ट्रेचिंग, हल्का योग, या थोड़ी देर टहलने से भी मदद मिल सकती है क्योंकि इससे रक्त प्रवाह बढ़ता है, जो दर्द को कम करने में मदद करता है।
- खूब पानी पिएं: जब आप डिहाइड्रेटेड होती हैं, तो आपके ऐंठन (क्रैंप्स) और भी बदतर महसूस हो सकते हैं। इसलिए, पूरे दिन पानी पीती रहें।
- दर्द निवारक (अगर अनुमति हो): अगर ऐंठन (क्रैंप्स) बहुत ज़्यादा महसूस हों, तो किसी माता-पिता या अभिभावक से सुरक्षित दर्द निवारक दवाओं के बारे में पूछें, और उन्हें बहुत बार न लें।
एक बात और, अगर आपको माहवारी (पीरियड) के पहले दिन बहुत तेज़ दर्द होता है, या सामान्य तौर पर यह इतना बुरा है कि आप खड़ी नहीं हो सकतीं, खा नहीं सकतीं, या कुछ भी नहीं कर सकतीं, तो डॉक्टर से जांच करवाना सही रहेगा। आपको इसे सहने की ज़रूरत नहीं है!
आप सफल होंगे!
हाँ, अभी यह सब कुछ बहुत ज़्यादा लग सकता है—और सच कहें तो, थोड़ा है भी। लेकिन जल्द ही, यह बस एक और चीज़ होगी जिसे आप एक प्रो की तरह संभाल लेंगी, और आपके पहले माहवारी (पीरियड) की यादें कुछ ऐसी होंगी जिन पर आप भविष्य में खूब हँसेंगी। सच में, बहुत ज़्यादा।
तो, आराम से रहें। अपना माहवारी (पीरियड) किट हमेशा तैयार रखें। थोड़ी एक्स्ट्रा चॉकलेट भी खा लें। और सबसे ज़रूरी बात? याद रखें, आप इसमें अकेली नहीं हैं।